सोचिये गूगल के पहले कैसी थी दुनिया। मोहल्ले और सड़क पर अक्सर लोग पता पूछने के लिए लोग रोक लेते थे। पान की दूकान आसपास का पता बताने के लिए बढ़िया ठिकाना होती थी। अव्वल तो सही पता मिल जाता था, लेकिन कभी-कभी नहीं भी मिलता था.
मुख्य बातें:
- भारत के अहमदाबाद में रहने वाले रोहित भाई पटेल लोगों को निःशुल्क पता बताने का अनूठा काम करते हैं.
- अपने इस काम को प्रचारित करने के लिए उन्होंने अपने बोर्ड भी शहर भर में लगाए हुए हैं.
- रोहित कहते हैं कि इसके लिए उन्हें सभी इलाकों की ख़ास जानकारी रखनी होती है.
लेकिन गुजरात के अहमदाबाद के निवासी रोहित भाई पटेल अपनी तरह का एक अनूठा काम कर रहे हैं. वो एक एक ऐसे व्यक्ति हैं जो लोगो को सिर्फ पता बताते हैं और ये काम वो निःशुल्क करते हैं।
उन्होंने अहमदाबाद शहर में अपने बोर्ड लगवा रखे हैं। जिन पर उन्होंने अपना नाम और नंबर लिखवाया है। इसके अलावा ये भी लिख दिया है कि उनसे पता पूछने के लिए 24 X 7 संपर्क किया जा सकता हैं। अब उसका नतीजा ये है कि लगातार रोहित भाई पटेल का फोन बजता रहता है और वो हमेशा लोगों को शहर के पते बताते रहते हैं.
भले ये आपको अजीब लगे लेकिन रोहित भाई पटेल अब तक दस हज़ार से ज़्यादा लोगो को पते बता चुके हैं।
ये कोई आसान काम नहीं हैं, इसके लिये रोहित भाई को पूरे शहर का सर्वे करना पड़ा।
कौन सा इलाका कमर्शियल है कहाँ बैंक हैं, कहाँ पोस्ट ऑफिस हैं ये पता करना एक अलग मशक्कत है लेकिन शहर में एक-दो नहीं करीब 70 सोसाइटी ऐसी हैं जिनका पहला नाम एक ही है.
अब ऐसे में गफ़लत की स्थिति तो होगी ही, लेकिन रोहित भाई का दावा है कि उनके द्वारा बताया हुआ पता कभी गलत नहीं हुआ है।
काम देखने और सुनने में भले छोटा लगे लेकिन किसी अनजान शहर में जब पता कोई बताता है तो दिल खुश हो जाता है. तकनीक चाहे जितनी बढ़ जाये लेकिन वो मानवीय संवेदना की जगह नहीं ले सकता। रोहित भाई पटेल अगर अहमदाबाद से बाहर भी होते हैं तब भी उनका फ़ोन बजता रहता हैं और लोग उनसे पता पूछते रहते हैं।