सेटलमेंट गाइड : जानिए, ऑस्ट्रेलिया में क्या हो सकते हैं होम लोन के विकल्प

Choosing right home loan

Source: Getty Images/krisanapong detraphiphat

घर का लोन लेते समय या पुनर्वित्त करते समय आपको एक निश्चित अवधि यानी की फिक्स्ड रेट या वेरिएबल रेट यानी की परिवर्तनीय दर के बीच चयन करने के लिए कहा जाता है। आपकी वित्तीय परिस्थितियों और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर दोनों के अपने अनूठे लाभ और चुनौतियाँ हैं।


जब आप किसी वित्तीय संस्थान से फिक्स्ड-रेट पर लोन लेते हैं, तो एक निश्चित अवधि तक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं आ सकता चाहे आपका ऋणदाता ब्याज दरों में कुछ भी परिवर्तन कर दे।
फिक्स्ड-रेट होम लोन वह होता है, जिसमें आप किसी वित्तीय संस्थान से एक निश्चित अवधि के लिए निश्चित दर पर लोन लेते हैं जिसमें ब्याज दर तय किए गए समय में नहीं बदलती चाहे उस दौरान दरों में उतार-चढ़ाव आएं।
मॉर्गेज ब्रोकर, पीटर रुडॉक मेलबर्न के पूर्वी उपनगरों में अपनी पत्नी के साथ मॉर्गेज चॉइस चलाते हैं। उनका कहना है कि,
फिक्स्ड-रेट होम लोन में निश्चित अवधि आमतौर पर एक से चार साल तक की होती है
कई उधारकर्ताओं के लिए एक निश्चित अवधि का ऋण एक आकर्षक विकल्प है क्योंकि यह ब्याज दरों में किसी भी संभावित वृद्धि से बचता है और आपको  स्थिरता और निश्चितता देता है।  लेकिन इसी के साथ अगर समय के साथ ब्याज दर गिर गई तो आपको इसका नुक्सान भी हो सकता है और आपको बढ़ी हुई तय दर के साथ लोन का भुगतान करना होता है। रुडॉक कहते हैं कि,
बैंक चाहते हैं कि ग्राहक तुरंत ब्याज दर को लॉक कर दें चाहे भविष्य में अर्थव्यवस्था कसी भी दिशा में जाए
यदि आप अपने पुनर्भुगतान के प्रति अधिक लचीलापन चाहते हैं, तो एक परिवर्तनीय ऋण आपके लिए बेहतर हो सकता है।
एक वेरिएबल रेट लोन वह होता है जहां ब्याज दर ऊपर या नीचे जा सकती है। यह मुख्य रूप से रिजर्व बैंक के निर्णय से प्रेरित रहता है, और एक बार जब रिजर्व बैंक ब्याज दरों में किसी भी बदलाव की घोषणा करता है, तो बैंक आमतौर पर इसका पालन करते हैं।
African couple shaking hands with financial advisor
When taking out a home loan, most lenders would ask you to choose between a fixed-term and a variable loan. Source: Getty Images/ Ariel Skelley
यदि रिज़र्व बैंक ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया ब्याज दरों को कम करता है, तो आप पहले से तय राशि में भी लोन चुकाना जारी रख सकते हैं, इससे होता यह है कि आप अपना लोन कम समय में उतार देंगे लेकिन दूसरी ओर यदि ब्याज दरें बढ़ती हैं तो आपके भुगतान में वृद्धि भी हो सकती है।
इसका मतलब यह है कि अगर आपको ज्यादा मात्रा में भुगतान करने में दिक्कत है तो यह विकल्प आपको परेशानी दे सकता है।
केविन डेविस, मेलबर्न विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उनका कहना है कि ऑफसेट खाता एक महत्वपूर्ण विशेषता है जो आम तौर पर केवल एक वेरिएबल रेट लोन के साथ ही आता है।

एक ऑफसेट खाते में जो पैसा रहता है वह लोन की बाकी राशि को कम करता है और उस राशि पर ब्याज की भरपाई करता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने वेरिएबल रेट  पर $400,000 का कर्ज लिया है और उनके ऑफसेट खाते में $100,000 हैं, तो वह केवल $300,000 पर ही ब्याज का भुगतान करेगा।
If you are borrowing more than 80 per cent of the value of the house, your lender will ask you to get a lenders mortgage insurnace.
If you are borrowing more than 80 per cent of the value of the house, your lender will ask you to get a lenders mortgage insurnace. Source: Getty Images/OsakaWayne Studios
कभी-कभी बैंक चाहते हैं कि कुछ उधारकर्ता लेंडर्स मॉर्गेज बीमा जिसे एलएमआई भी कहा जाता है उसे खरीदे। दरअसल यह एक ऐसा बीमा है जो लोन न चुकाने की स्थिति में बैंक की सुरक्षा करता है।

मेलबर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केविन डेविस का कहना है कि यह बीमा असामान्य है क्योंकि और बीमा पॉलिसियों से उलट यह आपके फायदा का नहीं है क्योंकि इसका प्रीमियम तो आप भरते हैं लेकिन इसका लाभ बैंक को होता है।

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